शेयर बाजार में निवेशकों द्वारा दो प्रकार से निवेश किया जा सकता है। पहला Sip द्वारा जिसे हम Systematic Investment Plan कहते हैं और दूसरा है Lump sum Investment। लेकिन बड़े बड़े निवेशक अपने अनुभव से कहते हैं कि जिन्हे भी बाजार में निवेश करना हो वे sip के द्वारा इन्वेस्टमेंट करें। क्यूंकि अगर वे शुरुआती दौर में Lump sum Investment करेंगे तो छोटे निवेशक जिन्हे कोई अनुभव नहीं है , उन्हें बड़ा लॉस हो सकता है यहाँ तक कि उनका पूरा कैपिटल भी पूरा जीरो हो सकता है। इसी कारण से वे ऐसा कहते हैं।
लेकिन एक और स्ट्रैट्जी है जिसका इस्तमाल करके छोटे निवेशक भी Lump sum Investment का सही तरिके से उपयोग कर सकते हैं। जिससे बाजार में ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट हासिल कर सकते हैं। तो चलिए पहले जानते हैं कि आखिर Lump Sum Investment क्या होता है ?
Lump Sum Investment क्या होता है ?
जब कोई निवेशक अपनी पूरी कैपिटल एक साथ , एक ही बार में म्यूच्यूअल फंड्स , स्टॉक्स और अन्य एसेट में निवेश कर देते हैं तो इस प्रकार के इन्वेस्टमेंट को हम lump sum Investment कहते हैं।
आइए हम इन्हे एक उदाहरण से समझते हैं :
मान लीजिये अशोक के पास 10 लाख रुपए है और वह उस पैसे को शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है। यदि उसने 10 लाख रुपए को एक बार में निवेश कर दिया तो यह इन्वेस्टमेंट Lump Sum Investment कहलाएगा।
Lump Sum Investment कब नहीं करना चाहिए ?
Lump Sum Investment कब करना चाहिए ये जानने से पहले हमे यह पता होना चाहिए कि हमे कब Lump Sum Investment नहीं करना चाहिए।
- जब शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी बनी होती है तभी आपको सभी जगह इन्वेस्ट करने की सलाह दी जाती है और ऐसे न्यूज़ फैलते हैं। इसी वजह से कई लोग फोमो में आके लम्प सम इन्वेस्टमेंट कर देते हैं जबकि ऐसे टाइम में अगर आपको इन्वेस्ट भी करना हो तो अपने कैपिटल का दसवां भाग ही निवेश करना सही होता है।
- जब कोई अच्छी या बुरी खबर हो आपके स्टॉक्स को लेकर तब भी आप एक आवेश में आके लम्प सम इन्वेस्टमेंट न करें थोड़ा एक दो दिन का टाइम लेके समझे।
- जब आपके चुने गए स्टॉक्स माइनर सपोर्ट पर हो तब भी निवेशकों को Lump Sum Investment नहीं करना चाहिए।
Lump Sum Investment कब करना चाहिए ?
कुछ स्थिति को ध्यान में रखे तो Lump Sum Investment उतना बुरा नहीं होता है | हमारे अनुसार जब बाज़ार में भारी डिस्काउंट हो , कंपनी के शेयर तथा म्यूचुअल फंड अपने उच्चतम स्तर से 30-35 प्रतिशत या इससे अधिक नीचे आ गए हो तब Lump Sum Investment करने सबसे बेस्ट समय होता है। लेकिन सिर्फ फंडामेंटली स्ट्रांग कम्पनीज के शेयरों पर ही ये बात लागू होती है। यदि आप इस स्थिति में SIP आरंभ करेंगे तब आपके एक-दो क़िस्त निवेश होने के बाद ही बाज़ार रिकवर कर जायेगा तथा आप बाज़ार के उस गिरावट भरपूर लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसलिए उस वक़्त Lump Sum Investment करना ही ज्यादा मुनाफा दिला पायेगा।
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Lump Sum Investment करने के नुकसान
- अगर आपने लम्प सम इन्वेस्टमेंट किया तो आपको मार्किट की वोलैटिलिटी का सामना करना पर सकता है।
- जब आप रेगुलर इंटरवल्स पर इन्वेस्ट करते हो तो आपको रुपए कॉस्ट अवेरजिंग का फयदा मिलता है जो लम्प सम इन्वेस्टमेंट करने पर नहीं मिलता।
- जब आप एक बार में बड़ा पैसा इन्वेस्ट करोगे तो आपको अनुभव की कमी होने के कारण , आपको तनाव महसूस हो सकता है।
- लम्प सम अमाउंट एक ही एसेट में इन्वेस्ट करने से आपको दुसरे पोटेंशियल इंवेस्टमेंट्स मिस करना पर सकता है जो उस समय अच्छा रिटर्न दे सकता है।
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