अगर आपने यह आर्टिकल पूरी अच्छी तरह से पढ़ लिए तो आपको ETF का पूरा गणित समझ में आ जायेगा |
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ETF क्या होता है ?
ETF यानि एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड एक प्रकार का इन्वेस्टमेंट फण्ड होता है | एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एक म्यूचुअल फंड की तरह है, लेकिन म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेचा जा सकता है यह एक ऐसा फण्ड होता है जो एक्सचेंज पर ट्रेड होता है | हमें म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने पर उसकी कुछ यूनिट मिलती है जिसकी प्राइस मार्किट क्लोज होने से पहले दिन में एक बार चेंज देखने को मिलती है लेकिन इटीफ की यूनिटस की ट्रेडिंग बिलकुल एक शेयर की तरह होती है जिसकी वजह से इसकी प्राइस हर सेकंड चेंज होती रहती है और हम इन्हे एक स्टॉक की तरह आसानी से खरीद और बेच सकते हैं |
ETF के प्रकार
- इंडेक्स ईटीएफ
- कमोडिटी ईटीएफ
- फिक्स्ड ईटीएफ
- करेंसी ईटीएफ
- फिक्स्ड इनकम ईटीएफ
- रियल स्टेट फंड ईटीएफ
- स्पेसिलिटी फंड
ईटीएफ उदाहरण कैसे काम करता है ?
यह एक शेयर की बास्केट की तरह होता है जो किसी एक इंडस्ट्रीज या क्षेत्र को ट्रैक करते हैं | उदाहरण के लिए जैसे हमे लगता है की आने वाले 20-30 सालों में पूरी इंडिया की इकॉनमी में बैंकिंग सेक्टर काफी तेजी से ग्रो करेगी और कौन सा स्टॉक मुझे खरीदना चाहिये हमे इसका कोई आईडिया नहीं तो हम बैंकिंग सेक्टर का ईटीएफ खरीद लेंगे जिससे होगा यह कि फण्ड मैनेजर हमारा पैसा थोड़ा थोड़ा परसेंटेज वाइज सारे बैंकिंग स्टॉक में लगा देगा |
ईटीएफ में इन्वेस्ट करने के फायदे
- diversification : ETFs एक ही निवेश के भीतर अलग अलग प्रकार की एसेट का प्रदर्शन करता है | यह Diversification निवेश जोखिम को विभिन्न क्षेत्रों या उद्योगों में बाँट देता है |
- Liquidity : ईटीएफ ट्रेडिंग दिन के दौरान शेयर बाज़ारों पर ट्रेड होते हैं , जिससे निवेशकों को बाजार की कीमतों पर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा होती है |
- कम फ़ीस : म्यूच्यूअल फण्ड की तुलना में ईटीएफ में काम फीस चार्ज किया जाता है | चूँकि अधीकांश ईटीएफ एक सूचि का पालन करते हैं , इसलिए वे एक्टिव प्रबंधन से सम्बंधित काम खर्चों का सामना करते हैं , जिससे निवेशकों का लागते कम होती है |
- यहां प्राप्त होने वाले लाभ को फिर से निवेश किया जा सकता है: इस योजना का मुख्य लाभ यह है कि किसी भी कंपनी से मिलने वाले लाभ को बिना किसी रीस्क के ओपन-एंडेड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में पुनः निवेश किया जा सकता है।
- Tax Efficiency : ईटीएफ अपने आद्वित्य संरचना के कारन म्यूच्यूअल फण्ड की तुलना में टैक्स प्रभावी होते हैं |
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ETFs में इन्वेस्ट करने के Disadvantage
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक उसी प्रकार , इस फंड के भी कुछ सकारात्मक और नकारात्मक पहलू मौजूद है जिन पर निवेशकों को स्पष्ट रूप से विचार करने की आवश्यकता है।
- इस फंड की सबसे बड़ी कमी यह है कि यह प्रकृति में अधिक आस्थिर (वैलेंटाइल) है।
- अधिक पूंजी: जब निवेशक इस ‘एक्सचेंज ट्रेडेड फंड‘ की तुलना किसी अन्य ‘विशिष्ट स्टॉक‘ से करेगा तो उसे यहां अधिक लागत देखने को मिलेगा।
- जबकि ईटीएफ अक्सर अपने अंतर्निहित सूचकांक को काफी करीब से दर्शाते हैं, तकनीकी कठिनाइयां भिन्नता का कारण बन सकती हैं।
इंडिया में ETFs में effortless निवेश कैसे करें ?
दिए गए स्टेप को फॉलो करके आप ईटीएफ में इन्वेस्ट कर सकते हैं –
स्टेप 1 : ब्रोकरेज अकाउंट खोलें।
स्टेप 2 : ईटीएफ चुनें।
स्टेप 3 : फण्ड ट्रांसफर करें।
यह पोस्ट केवल शिक्षा और ज्ञान के उद्देश्य से है। कोई भी निर्णय लेने से पहले कृपया एक बार अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें या अपना स्वयं का शोध करें। हम किसी भी वित्तीय लाभ के साथ-साथ नुकसान के लिए भी जिम्मेदार नहीं होंगे। हम सेबी पंजीकृत नहीं हैं. शेयर बाज़ार बाजार जोखिम के अधीन है।