भारतीय शेयर बाजार में निवेश करना रेवार्डिंग और रिस्की दोनों हैं। कई निवेशक Quick प्रॉफिट कमाने का सपना देखते हैं, वास्तविकता यह है कि बाजार में धैर्य, रिसर्च और अनुशासन की आवश्यकता होती है। दुर्भाग्य से, कई बेगंनियर्स (और यहां तक कि अनुभवी ट्रेडर्स ) आम जाल में फंस जाते हैं जिससे महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है।

यहां भारतीय शेयर बाजार में निवेश करते समय बचने वाली 5 Common mistakes के बारे में बताया गया है, साथ ही कुछ वास्तविक उदाहरण भी दिए गए हैं, जो आपको अपनी इन्वेस्टिंग जर्नी को बुद्धिमानी से आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
1. Following the Herd Mentality
भारत में कई निवेशक स्वयं रिसर्च किए बिना, मित्रों, रिश्तेदारों या सोशल मीडिया इन्फ्लुएंस के सुझाव के आधार पर निवेश करते हैं। इसे अक्सर “Herd Mentality” के रूप में संदर्भित किया जाता है। जब कोई स्टॉक अचानक पॉपुलर हो जाता है, तो हर कोई यह मानकर उसमें कूद पड़ता है कि यह बढ़ता रहेगा।
उदाहरण के लिए , 2021 की शुरुआत में यस बैंक के शेयरों में उछाल आया क्योंकि पुनर्गठन की खबरों और बड़े बैंकों से समर्थन के कारण रिटेल निवेशकों ने इसमें निवेश किया। कई निवेशकों ने ऊंची कीमतों पर निवेश किया, लेकिन बाद में शेयर में भारी गिरावट देखी गई। जिन लोगों ने बैंक के मूल सिद्धांतों का विश्लेषण किए बिना केवल हाइप के आधार पर खरीदारी की, उन्हें नुकसान उठाना पड़ा।
Tip
हमेशा अपनी पूरी जांच पड़ताल करें। निवेश करने से पहले कंपनी की financials, management, future prospects की और industry trends पर नज़र डालें।
2. Timing the Market
बाजार के सटीक उच्च और निम्न स्तर का प्रेडिक्शन करना लगभग असंभव है। कई निवेशक खास कर के रिटेल निवेशक डर के कारण बहुत जल्दी बेच देते हैं या लालच के कारण बहुत देर से खरीदते हैं। बाजार में समय का सही अनुमान न लगा पाने के कारण अक्सर अवसर चूक जाते हैं या नुकसान होता है।
उदाहरण के तौर पर, मार्च 2020 में कोविड-19 के कारण बाजार में आई गिरावट के दौरान, निफ्टी 50 7,600 अंक से नीचे गिर गया था। कई निवेशक घबरा गए और अपनी होल्डिंग्स बेच कर बाहर निकल गए। हालांकि, एक साल के भीतर, बाजार में सुधार हुआ और यह 15,000 अंक से ऊपर चला गया। जिन लोगों ने निवेश जारी रखा या गिरावट के दौरान और भी निवेश किया, उन्हें काफी लाभ हुआ।
Tip
बाजार में समय का अनुमान लगाने की कोशिश करने के बजाय, SIPs अपनाएं या रुपया लागत औसत विधि का उपयोग करके धीरे-धीरे निवेश करें। शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव पर ट्रेड करने की कोशिश करने की तुलना में लॉन्गटर्म निवेश अक्सर बेहतर परिणाम देता है।
3. Ignoring Diversification
अपना सारा पैसा एक या दो स्टॉक में लगाना बहुत जोखिम भरा हो सकता है। अगर वह कंपनी खराब प्रदर्शन करती है या संकट का सामना करती है, तो आपका पूरा पोर्टफोलियो प्रभावित हो सकता है।
उदाहरण के लिए , रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) या जेट एयरवेज में भारी निवेश करने वाले निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जब ये कंपनियां फाइनेंसियल संकट में फंस गईं । ये कभी पॉपुलर स्टॉक थे, लेकिन अत्यधिक निवेश के कारण कई पोर्टफोलियो खत्म हो गए।
Tip
अपने निवेश को विभिन्न क्षेत्रों और asset classes (जैसे इक्विटी, ऋण, सोना, आदि) में diversify बनाएं। इस तरह, एक क्षेत्र में खराब प्रदर्शन को दूसरे क्षेत्र में लाभ से संतुलित किया जा सकता है।
4. Overlooking Fundamentals and Valuation
कई निवेशक सिर्फ़ इसलिए शेयर खरीदते हैं क्योंकि वे सस्ते या ट्रेंडिंग होते हैं। शेयर की कम कीमत का मतलब हमेशा अच्छा सौदा नहीं होता और ज़्यादा कीमत का मतलब हमेशा ज़्यादा कीमत वाला नहीं होता।
Tip
शेयर प्राइस से परे देखें। price-to-earnings (P/E) ratio, return on equity (ROE), debt levels, और कंपनी की विकास संभावनाओं का मूल्यांकन करें। सस्ता हमेशा अच्छा नहीं होता और महंगा हमेशा बुरा नहीं होता।
5. Letting Emotions Drive Decisions
डर और लालच सफल निवेश के दो सबसे बड़े दुश्मन हैं। भावनात्मक फैसले अक्सर गिरावट के दौरान घबराहट में बेचने या चरम पर खरीदारी करने की ओर ले जाते हैं।
Tip
एक लोंगटर्म निवेश रणनीति बनाएं और उस पर टिके रहें। लक्ष्य रिटर्न, स्टॉप-लॉस स्तर और निवेश लक्ष्य निर्धारित करें। शार्टटर्म समाचार या बाजार के शोर के आधार पर निर्णय लेने से बचें।