मल्टीबैगर रिटर्न कमाने के लिए शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव कैसे करें ( 2024 में ) | शेयर बाजार में अच्छी कंपनी चुनने के 6 तरीके

अगर आप शेयर बाजार में 1 या 2 या 3 साल से हो लेकिन फिर भी आपको समझ नहीं है कि मल्टीबैगर रिटर्न कमाने के लिए शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव कैसे करें तो घबराने वाली कोई बात नहीं है। आप इस पोस्ट को पढ़ के आप अपना नॉलेज बढाकर आप खुद शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव कर सकोगे।

शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव

शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव करने खुद क्यों सीखनी चाहिए ?

कंपनी के शेयर का चुनाव करना खुद इसलिए सीखनी चाहिए क्यूंकि अगर कोई आपको कोई कंपनी बता दे तो आप उससे एक ही बार रिटर्न कमा सकते हो लेकिन यदि आप यह सिख लो कि कैसे अच्छे कंपनी का चुनाव किया जाता है तो आप बार बार रिटर्न कमा सकते हो , जब मार्किट क्रैश होगा तो तो कॉन्फिडेंटली शेयर को और खरीदोगे क्युकी वारेन बफ्फे का भी कहना है जब सभी ग्रीडी बने तब आप थोड़ा डरो और जब सभी डरे तब आप ग्रीडी बनो क्युकी फियर में ही कंपनी सस्ते दामों पर मिलती है।

ज्यादातर लोग इसलिए अच्छा रिटर्न नहीं ले पाते क्यूंकि वे दूसरे के टिप्स , रिकमेन्डेशन के ऊपर निवेश करते हैं , वे दूसरे का पोर्टफोलियो ट्रैक करेंगे और उसे किसी भी भाव पर खरीद लेंगे , ब्रोकरेज हाउस , टीवी एक्सपर्ट इत्यादि लोगों की कहने पर निवेश का फैशला लेंगे जो की सबसे गलत है।

लेकिन वे लोग ऐसा क्यों करते हैं ?

असल में ये लोग टिप्स , रेकोमेंडेशन और buy और सेल देकर पंप एंड डंप स्कीम का उपयोग कर खुद प्रॉफिट करते हैं।

शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव करने का तरीका

  • कम्पनी के बिज़नस की समझ होनी चाहिए
  • कम्पनी के फाइनेंसियल देखें
  • कम्पनीज में कॉम्पिटिटिव एडवांटेज यानि मोट देखें
  • कंपनी पर Debt यानि कर्जा अधिक न हो
  • कंपनीज़ ट्रांसपेरेंट और ऑनेस्ट होनी चाहिए
  • कंपनी की सही वैल्यू पता करें

कम्पनी के बिज़नस की समझ होनी चाहिए

शेयर बाजार में किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने से पहले आपको उसके बिज़नस के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए कि असल में कंपनी रेवेन्यू और प्रॉफिट जनरेट कैसे करती है , क्या यह कोई काम्प्लेक्स बिज़नस तो नहीं है न। साफ़ शब्दों में कहा जाय तो कंपनी की बिज़नस की हर बात आपको अच्छी सी समझ आ जानी चाहिए।

कम्पनी के फाइनेंसियल देखें

कंपनी के फाइनेंसियल देखने से आपको पास्ट का की जानकारी मिलेगी। जिससे कंपनी के फ्यूचर की ग्रोथ का आईडिया लगाया जा सकता है। क्यूंकि अगर कंपनी ग्रो नहीं करेगी और इतना ही रेवेन्यू और प्रॉफिट जनरेट करती रही तो कम्पनी का वैल्यू नहीं बढ़ेगा और वैल्यू नहीं बढ़ेगा तो शेयर प्राइस उतना ही रहेगा या क्रैश हो जायेगा जिससे आपका कोई फायदा नहीं होगा।

कम्पनीज में कॉम्पिटिटिव एडवांटेज यानि मोट देखें

अब तक हमने कंपनी के बिज़नस मॉडल और फाइनेंसियल की बातें की लेकिन अब हम कंपनी के कॉम्पटेटिव एडवांटेज यानि मोट के बारे में जानेंगे। लेकिन मोट को समझाना इतना जरुरी क्यों है ? दरअसल यह मोट ही होती है जो कंपनी को उसके सेक्टर के बाकी कॉम्पिटिटर से बचाता है और उन सभी से अच्छा परफॉर्म करता है और आगे निकलते रहता है। शेयर बाजार में अच्छे कम्पनी चुनाव करते हुए इस बात को अवस्य ध्यान रखें।

कंपनी पर Debt यानि कर्जा अधिक न हो

जब आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव करते हो तो इन बातों का भी ध्यान जरुरी है की कम्पनी पर ज्यादा debt यानि कर्जा न हो इसके लिए आपको कंपनी के कुछ ratio जैसे करंट रेसियो , Debt to Equity ratio इत्यादि का एनालिसिस करना चाहिए। साथ ही यह भी देखना जरुरी हैं की कंपनी कर्जा को कैसे मैनेज कर रही है। अगर कंपनी अपने कर्जे को साल दर साल काम कर रही है तो यह पॉजिटिव संकेत है की कम्पनी अब अपने प्रॉफिट से ही धीरे धीरे सब मैनेज करेगा जिससे कंपनी का वैल्यू लॉन्ग टर्म में बढ़ेगा।

कंपनीज़ ट्रांसपेरेंट और ऑनेस्ट होनी चाहिए

कम्पनी अगर ट्रांसपेरेंट नहीं है तो फिर वह शार्ट टर्म में कितना ही अच्छा और फ़ण्डामेंटली स्ट्रांग क्यों न हो उसमे एक भी पैसा निवेश नहीं करना चाहिए। कम्पनी का मैनेजमेंट एक जहाज की कप्तान की तरह होता है यदि वह डूबेगा तो आप भी साथ में डूबोगे , मैनेजमेंट अगर एक बार फ्रॉड कर सकता है तो उसपर दोबारा विश्वास जाताना ठीक नहीं होगा। बहुत साड़ी कम्पनियाँ सहरहोल्डर्स को मिसलीड करती है और तरह तरह के हथकंडे अपना कर सेबी को चकमा देते रहती है। इसलिए शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव करते हुए इस बात को भी दिन रखें। इसके लिए आप कम्पनी का एनुअल रिपोर्ट और इन्वेस्टर प्रसेन्टेशन , और मैनेजमेंट के इंटरव्यू देख सकते हैं।

कंपनी की सही वैल्यू पता करें

लोग सबसे कंफ्यूज इसी बात को लेकर होते हैं इसका सिंपल सा जबाव है जब कंपनी अपने Intrinsic वैल्यू से कम प्राइस या उसके बराबर हो तो उस कम्पनी में निवेश करने हेतु वह बेस्ट समय होता है। हलांकि इन्ट्रिंसिक वैल्यू के मुकाबले इन्ट्रिंसिक ग्रोथ ज्यादा मैटर करती है लेकिन हमें इन्ट्रिंसिक वैल्यू को एक दम इग्नोर नहीं करना है।

इन सभी key points को नज़र रखते हुए आप शेयर बाजार में अच्छे कंपनी का चुनाव कर सकते हैं।

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